World Environment Day



 

विश्व पर्यावरण दिवस

शान्ति से बहता झरना

कल कल करती नदियां

चहचहाती रंग बिरंगी चिड़ियाँ

फूलों पर मंडराते भंवरे

कुछ ऐसा श्रृंगार है प्रकृति का

कुछ ऐसा दुलार है  प्रकृति का

हमारी हर एक आवश्यकता को

छोटी से छोटी जरूरत को

पूरा करती है प्रकृति

हमारे हर एक सपने का जरिया बनती है प्रकृति

 

पर सपनों के नाम पर जाने कब हम भटक गए

विकास के नाम पर प्रकृति दहन हम करने लगे

काट दिए पेड़ , दूषित कर दी सभी नदियां

जानवरों को मारा, उनका घर उजाड़ दिया

इंसान तूने आखिर प्रकृति से किस बात का बदला लिया

मां कहते हैं जिसे, उसे ही खोखला कर दिया

क्या सच में विकास के लिए इंसान इतना गिर गया

 

पर बस अब और नहीं

अब कदम उठाने ही होंगे सही

आइए इस पर्यावरण दिवस एक शपथ ले

वापस अपनी धरती को हरा भरा करें

मुझे विश्वास है वापस होगा वही उजियारा

एक बार फिर चहचाएगी गौरैया

फिर से दिखेगा हर विलुप्त पक्षी प्यारा...

 

 

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